राही tu अकेला

राही तु अकेला
रास्ता है लंबा, नही बडा
हमदर्दी हमसफ़र से न बढ़ा
हमसफ़र नही तेरी मंज़िल का कोई
राही तु अकेला

हर दिन सूरज निकलेगा, जलायेगा
चांद निकलेगा धुंदली यादें लेकर
यादों के सहारे जीवन न बना
पत्थर की सड़क पर चलते सिख
सड़क पर तु अकेला

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